“उस काम को, जिसे तुम दुसरे व्यक्ति में बुरा समझते हो, स्वयं त्याग दो परंतु दूसरों पर दोष मत लगाओ।” – स्वामी रामतीर्थ प्रत्येक अनुभव से शक्...
“उस काम को, जिसे तुम दुसरे व्यक्ति में बुरा समझते हो, स्वयं त्याग दो परंतु दूसरों पर दोष मत लगाओ।” – स्वामी रामतीर्थ
प्रत्येक अनुभव से शक्ति, साहस और आत्मविश्वास मिलता है, जिससे आपके चेहरे पर डर का आना बंद हो जाता है। -एलेनोर रोसवैल्ट
श्रेष्ठ होना कोई कार्य नही बल्कि यह हमारी एक आदत है जिसे हम बार बार करते है। – अरस्तु
अहंकार मनुष्य का बहुत बड़ा दुश्मन है। वह सोने के हार को भी मिट्टी का बना देता है।- महर्षि वाल्मीकि
अतिसंघर्ष से चंदन में भी आग प्रकट हो जाती है, उसी प्रकार बहुत अवज्ञा किए जाने पर ज्ञानी के भी हृदय में भी क्रोध उपज जाता है।- – महर्षि वाल्मीकि
हमे एक दूसरे के साथ चेहरे पर मुस्कान के साथ मिलना चाहिए क्योंकि यही से प्यार की शुरुआत होती है। -मदर टेरेसा
माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है। – महर्षि वाल्मीकि
निषेध से आकर्षण बढ़ता है। जिस चीज का इंकार किया जाए,उसमे एक तरह का रस पैदाहोना शुरू हो जाता है। -ओशो
कभी कभी हमे स्वयं को बताने की यह जरूरत पड़ती है की हम दुसरो को क्या दे सकते हैं। -डॉ फिल
मैंने यही सीखा है कि चाहे जो कुछ भी हो, या आज वक्त चाहे कितना भी बुरा लगता है, लेकिन जीवन हमेसा आगे बढ़ता है, और यह कल बेहतर होगा। – माया एंजेलो
एक बेहतरीन किताब 100 अच्छे दोस्त के बराबर है, लेकिन एक सर्वश्रेष्ठ दोस्त पुस्तकालय के बराबर है। -अब्दुल कलाम
किसी भी मनुष्य की इच्छाशक्ति अगर उसके साथ हो तो वह कोई भी काम बड़े आसानी से कर सकता है। इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प मनुष्य को रंक से राजा बना सकती है। – महर्षि वाल्मीकि
साधारण और असाधारण व्यक्ति के बीच का अंतर थोड़ा सा अतिरिक्त है यही अतिरिक्त उस व्यक्ति को असाधारण बनाता है। -अज्ञात
लोहे के गर्म होने का इन्तजार मत करो बल्कि अपनी तपन द्वारा इसे गर्म बनाओ यानि समय का इन्तजार मत करो बल्कि ऐसी कोशिश करो की समय आपके अनुकूल हो जाये। – विलियम बी स्प्रेग
जब किसी आदमी को ज्यादा सोचने की बीमारी लग जाती है तो वो होश में रहकर भी बेहोश ही रहता है.
जो नसीब में होगा वो चलकर आएगाऔर जो नही है वो आकर भी चला जायेगा।।
“अपने जीवन का ध्येय बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति,जो भगवान ने तुम्हें दी है, उसमें लगा दो।” – कार्लाइल
मन में हमेशा जीत की आस होनी चाहिए…नसीब बदले या न बदले, वक्त ज़रूर बदलता है।
इच्छा सभी उपलब्धियों का प्रारंभिक बिंदु है, न कि एक आशा है,न कि इच्छा, बल्कि एक गहरी धड़कन वाली इच्छा जो सब कुछ से परे है। – नेपोलियन हिल
किसी को अपना बनाने के लिए हमारी सारी खूबियां भी कम पड़ जाती हैं,जबकि किसी को खोने के लिए एक कमी ही काफी है – अज्ञात
सोच को हमेशा अच्छा रखो, क्योंकि नज़र का इलाज संभव है लेकिन नजरिये का नहीं.
मित्रों का चुनाव सावधानी से करें क्योंकि हमारे व्यक्तित्व की झलकहमारे उन मित्रों से भी मिलती हैं जिनकी संगत से हम दूर रहते हैं। – कहावत
आप जीवन में जो कुछ भी चाहते है वे प्राप्त कर सकते हैबस आप दुसरे लोगो की मदद करना शुरू कर दे। – जिग जिगलर
“चाहे धैर्य थकी घोड़ी हो, परंतु फिर भी वह धीरे-धीरे चलेगी अवश्य।” – विलियम शेक्सपीयर
कोई खुद को कितना भी श्रेष्ठ कहे, लेकिन सच्चाई ये है की प्रकृति किसी एक को सर्वश्रेष्ठ नहीं बनने देती. कोयल को कंठ दिया तो उसका रूप छीन लिया, रूप दिया मोर को, तो उसका कंठ छीन लिया.
“ईश्वर की कोई बौद्धिक परिभाषा नहीं दी जा सकती। हाँ,उसका आत्मा के सहारे अनुभव किया जा सकता है।” – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
आधे से ज्यादा रिश्ते तो लोग सिर्फ इसलिए निभाते हैं की उनसे भी कभी कोई काम पड़ सकता है.
“पैसा आपका सेवक है। यदि आप उनका उपयोग जानते हैं;वह आपका स्वामी है। यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते।” – होरेस
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करना,क्योंकि सुबह उनकी भी होती है, जिनके दिन ख़राब हों…
ईश्वर का दर्शन कर लेने पर मनुष्य फिर जगत् के जंजाल में नहीं पड़ता,ईश्वर को छोड़कर एक क्षण भी उसे शान्ति नहीं मिलती, एक क्षण भी ईश्वर को छोड़ने में मृत्यु-कष्ट होता है।
जो किताब आपको सोचने पर मजबूर करदे,असल में वही आपका जीवन बदल सकती है.
जीवन में सबकुछ दुबारा मिल सकता हैलेकिन वक्त के साथ खोया हुआ रिश्ता और भरोसा दुबारा नही मिलता…!
“जब तक तुममें दूसरों के दोष देखने की आदत मौजूद है।तब तक तुम्हारे लिए ईश्वर का साक्षात्कार करना अत्यन्त कठिन है।” – रामतीर्थ
जब आप दर्द की सीमा तक प्यार करते हैं तो वहां दर्द नहीं रहता बल्कि प्यार बढ़ जाता है.
“जिस तरह पानी को कोई जल, कोई आब, कोई वाटर कहते हैं,उसी तरह एक ही सच्चिदानंद परमेश्वर को कोई अल्लाह, कोई हरि, कोई गॉड कहकर पुकारते हैं।” – रामकृष्ण परमहंस
“धर्म तो मानव-समाज के लिए अफीम है।” – कार्ल मार्स्क
शब्दों की ताकत को कभी कम मत आंकिये, एक छोटा सा “हाँ”और एक छोटी सी “ना” पूरा जीवन बदल कर रख देती है.
यदि आप सोचते हैं की आपको जीवन में सिर्फ अच्छे लोग मिलें तो उन्हें खोजने के बाजए खुद को अच्छा बना लो, अच्छे लोग खुद आपके पास आएंगे।
जिंदगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है,लेकिन अपना कौन है ये वक्त बताता है।।
किसी के घर जाओ तो अपनी आँखों को काबू में रखो,ताकि उसके सत्कार के अलावा आपको उसकी कमियां ना दिखाई दें.
जिस तरह से माचिस किसी दूसरी चीज़ को जलाने से पहले खुद जलती है,उसी प्रकार गुस्सा भी पहले दुसरे को नुकसान पहुंचाने से पहले खुद को हानि पहुंचाता है.
“जिस वक्त जिस कार्य के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी वक्त उसे करो,अन्यथा लोगों का भरोसा आप के ऊपर से उठ जाएगा” – स्वामी विवेकानंद
जीवन में सुखी रहने के लिए दो शक्तियों का होना बहुत आवश्य है।पहली सहनशक्ति और दूसरी समझशक्ति..
“शक्ति ही जीवन है, निर्बलता और कमजोरी ही मृत्यु है,विस्तार ही जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है, द्धेष मृत्यु है।” – स्वामी विवेकानंद
चेहरे अक्सर झूठ भी बोला करते हैं,रिश्तों की हकीकत वक़्त पर पता चलती हैं.
क्रोध और आंधी दोनों खतरनाक होती है,शांत होने के बाद तबाही का पता चलता है।
अगर सुधरना चाहते हो तो को आपको एक बार बदलना होगा,लेकिन यदि Perfect बनना चाहते हो तो बार बार बदलना होगा.
भरोसा जितना कीमती होता हैं,धोखा उतना ही महंगा हो जाता हैं.
बोले गए शब्द ही ऐसी चीज हैं जिसकी वजह से इंसान यातो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है !!
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है,असंभव से भी आगे निकल जाना.
सबको गिला है की बहुत कम मिला है,पर जरा सोचिये जितना आपको मिला है, उतना कितनों को मिला है.
बड़प्पन वह गुण होता है जो किसी पद से नहीं बल्कि गुणों और संस्कारों से प्राप्त होता है.परायों को अपना बनाना मुश्किल नहीं, मुश्किल तो अपनों को अपना बनाये रखना है
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करतेतब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
ताश का जोकर और अपनों की ठोकर,अक्सर बाजी घुमा देते है.
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं.
आप किसी को कुछ देना चाहते हैंतो उससे ऐसा समय दीजिएजो वह चाह कर भी नहीं भुला सके।
दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें,अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे.
लोग कहते हैं पैसा आए तो कुछ करके दिखाऊंपैसा कहता है कुछ करके दिखाए तो मैं आऊं। ।
दो बातों की गिनती करना छोड़ दे,खुद का दुःख और दूसरों का सुख,जिंदगी आसान हो जाएगी.
औपचारिक शिक्षा आपको जीवन यापन करने लायक बनाती है,लेकिन जीवन सफल बनाना है तो स्व: शिक्षा जरूरी है.
मिली थी जिंदगी,किसी के काम आने के लिए,पर वक़्त बीत रहा है,कागज़ के टुकड़े कमाने के लिए.
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते,तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते.
अपने जीवन को इतना भी सस्ता मत बनाओकी छोटे मोटे आदमी भी तुमसे खेलकर चले जाएं। ।
रिश्ते निभाने के लिए बुद्धि नही,दिल की शुद्धि होनी चाहिए।
घमंड यानी अहंकार, ज्ञान का विपरीत होता है. आपके अन्दर जितना अहंकार होगा,उतना ही ज्ञान कम होगा. और जितना ज्यादा ज्ञान होगा, उतना ही अहंकार कम होगा.
बनना है तो मेहंदी के पत्तों जैसा बनीयेजो खुद पीसकर दूसरों की जिंदगी मे रंग भरते है।
पीठ हमेशा मजबूत रखनी चाहिए क्योंकि शाबासी और धोखा दोनो पीछे से ही मिलते हैं।
अवसर हमेशा सूर्योदय की तरह होते हैं,यदि सोचने में ज्यादा देर लगायेंगे तो उन्हें गँवा देंगे.
अन्धविश्वास मनुष्य का बड़ा शत्रु हैलेकिन धर्मान्धता उससे भी बुरा है।।
अवसर पड़ने पर जो बदल जाए वहकभी आपका हितेषी नहीं हो सकता। ।
हर दुख एक सबक देता है,और हर सबक इंसान को बदल देता है।
सच को कहने के हज़ारों तरीके हो सकते हैऔर फिर भी सच तो वही रहता है।।
अगर आप वही करते रहोगे जो हमेशा से करते आये हो,तो आपको उतना ही मिल पायेगा, जितना अभी तक मिलता आया है.
पैसों से मिली खुशी कुछ समय लिए रहती है,लेकिन अपनो से मिली खुशी जीवन भर साथ रहती है।
ब्रम्हांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर है ,यह हम ही है जिन्होंने अपनी आँखों के सामनेहाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अँधेरा है।।
तालाब भरने पर मछली चींटी को खाती हैऔर तालाब सूखने पर चींटी मछली को। ।
पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं,जैसे एक अंधे के लिए आइना.
दुनिया में दर्द देने वाले तो हजारों मिलेंगे..मगर हर दर्द के समय हाथ पकड़ने वाली सिर्फ एक ही है.. “ मां ”
जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करतेतब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।।
माता-पिता वो हस्ती हैं जिसके पसीने की एक बूंद का कर्ज भी औलाद नहीं चुका सकती।।
यह सही हैं की सफलता का जश्न आप मनायेपर अपने पुराने बुरे समय को याद रखते हुए.
परेशानी में जो अनुभव और सीख मिलती है,वो सीख दुनिया का कोई भी स्कूल नही दे सकता…
सफलता की खुशियां मनाना ठीक है लेकिन,असफलताओं से सबक सीखना अधिक महत्वपूर्ण है.
इंसान की संपत्ति ना दौलत है ना धन हैउसकी संपत्ति तो उसका हँसता हुआ परिवार और संतुष्ट मन है।
कोई कुछ भी बोले स्वयं को शांत रखो,क्योंकि धूप कितनी भी तेज हो समुद्र को नही सुखा सकती।
दुनिया में दर्द देने वाले तो हजारों मिलेंगे..मगर हर दर्द के समय हाथ पकड़ने वाली सिर्फ एक ही है.. “ मां ”
पीठ हमेशा मजबूत रखनी चाहिए क्योंकि शाबासी और धोखा दोनो पीछे से ही मिलते हैं।
परेशानी में जो अनुभव और सीख मिलती है,वो सीख दुनिया का कोई भी स्कूल नही दे सकता…
दुसरो पर विश्वास करके तो कभीकार्य पूर्ण नहीं होतेस्वयं पर विश्वास करें।अगर आप स्वयं पर विश्वास करेंगेतो आपका कार्य शानदार तरीके से पूर्ण होंगे।
जिंदगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है,लेकिन अपना कौन है ये वक्त बताता है।।
वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करना,क्योंकि सुबह उनकी भी होती है, जिनके दिन ख़राब हों…
सफलता एक घटिया शिक्षक है.यह लोगों में यह सोच विकसित कर देता है,कि वो असफल नहीं हो सकते.
पैसों से मिली खुशी कुछ समय लिए रहती है,लेकिन अपनो से मिली खुशी जीवन भर साथ रहती है।
हम जो बोते हैं वो काटते हैं.हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं.
मन में हमेशा जीत की आस होनी चाहिए…नसीब बदले या न बदले, वक्त ज़रूर बदलता है।
सत्य के राह में चलना अच्छा हैइस राह में भीड़ कम मिलती है।
जीवन में सुखी रहने के लिए दो शक्तियों का होना बहुत आवश्य है।पहली सहनशक्ति और दूसरी समझशक्ति..
शब्द और बोलव्यक्ति का आईना होता हैचेहरा तो हालात बदल देते हैं।
आपकी हैसियत से ज्यादा ईश्वरतभी देता है जबआप उसके कार्यों में सहायता करते हैं। ।