किस्मत शायरी दो लाइन सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता, इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे। कितने सच कितने अफ़साने, कैसी ये रेखाओं की ...
किस्मत शायरी दो लाइन
इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे।
कितने सच कितने अफ़साने,कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,वही मुकम्मल है ताने बाने,जो ये किस्मत बुना करती है।
क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालों को ही आजमाती है !
मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी काएदा हो,देर से किस्मत खुलने वालो का दुगुना फायेदा हो।
जैसे बिछड़ने की जल्दबाजी हो,मिलकर भी ऐसे बिछड़ना हुआ,जैसे कायनातए किस्मत की जालसाजी हो।
किस्मत बदल लेते है जिन में,मेहनत करने का हुनर होता है !
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िलकोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल देचाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे
कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को !
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,ख़ुद को छुपाने के लिए||
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
सूरत कितनी ही 'खुबसुरत क्यो न हो...?नसीब की मोहताज हुआ करती है
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा..!!
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँवो ही दूर हो जाता है!
लेके अपनी-अपनी क़िस्मत, आए थे गुलशन में गुल,कुछ बहारों में खिले, कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ..!!
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हू ऐ खुदा,किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे,जो मौत तक वफा करे।
किस्मत शायरी
धड़कना भूल गयाकिस्मत अच्छी थी जोआपने आकर मेरे दिल को थाम लिया!
किस्मत भी उनका साथ देती है,जिनमें कुछ कर गुजरने की हिम्मत होती है..!!
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही..!!
मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लडूंगा,चाहें वो मिले ना मिले,मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जीऊंगा।
फिर शान इस शहर को नई आप से मिलीमुस्कान इस शहर को नई आप से मिलीपाकर के साथ आपका किस्मत बदल गयीपहचान इस शहर को नई आप से मिली।
अजीब तरह से खेला है हमने,जो ना थे नसीब मेंउसी को टूट कर चाह बैठे
कितने सच कितने अफ़साने,कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,वही मुकम्मल है ताने बाने,जो ये किस्मत बुना करती है।
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नहीं करता है..!!
क्या खूब मैनें किस्मत पाई है खुदा ने कहा हंसकरसंभाल कर रख पगले ये मेरी पसंद है जो तेरे हिस्से में आई है !!
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगेहम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगेवो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिएहम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे..!!
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकलीकुछ पल ठहरी और फिर चल निकलीउन से क्या कहे वो तो सच्चे थेशायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!
चुप रहते है फिर भी बहते है,इन आँसुओ की किस्मत तो देखिए,ये उनके लिए बहते है जो दिल मे रहते है..!!
तकदीर किस्मत शायरी
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते है..!!
कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुनफिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
बुलबुल को बाग़बाँ से न सय्याद से गिलाक़िस्मत में क़ैद लिक्खी थी फ़स्ल-ए-बहार में
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
तुम जब मुझे मिल गये, तब मुझे विश्वास हो गया कि,किस्मत इससे ज्यादा मुझ पर मेहरबानी नहीं कर सकती है..!!
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही।
कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुनफिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर
जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होताअगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
तकदीर बनाने वाले तूने भी हद कर दी,तकदीर में किसी और का नाम लिखा था,और दिल में चाहत किसी और की भर दी..!!
हिम्मत कर खड़े होने पर भाग्य भी खड़ा हो उठता हैं..!!
क्या खूब मैनें किस्मत पाई हैखुदा ने कहा हंसकरसंभाल कर रख पगलेये मेरी पसंद है जो तेरेहिस्से में आई है !!
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है।
वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईंदिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा
किसी को हम न मिले और हम को तू न मिला
मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर हैजिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँवो ही दूर हो जाता है!
जो तक़दीर में नहीं होता वही इंसान ख़ास होता हे..!!
लिखा है मेरी तक़दीर में तेरा नामदुनिया से क्या डरनाचाहे लाख कोशिश कर ले जमानामुमकिन नही हमको तुम से जुदा कर पाना!
Life kismat shayari
उसने दिया भी फूल तो ख़ुशबू निकाल कर
किस्मत पर रोना मैंने छोड़ दिया,अपनी उम्मीदों को मैंने हौसलों से जोड़ दिया।
चमकाऊंगा मैं मेरी किस्मत,लेकिन हासिल कुछ न हुआ,क्योंकि इंटरव्यू में चली थी रिश्वत..!!
मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर हैजिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ वो ही दूर हो जाता है!
एक ऐसा भी काएदा हो,देर से किस्मत खुलने वालोका दुगुना फायेदा हो||
ज़माने से ना डर जरा किस्मत पे भरोसा करजब तक़दीर लिखने वाले ने लिखा है साथतो फिर किस बात का है दर!
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगी..!!
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब थावो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नही करता!
मेरे किस्मत के लकीरो का आप ताज बन जाओ ,कल की बात छोड़ो आप मेरे आज बन जाओ..!!
आएगा,जो नहीं होगा वो पास आकरभी दूर चला जाएगा।
कभी पत्थर मुक़द्दर लिख नहीं सकता मगर समझोजिसे पत्थर में ढूँढो हो तुम्हारे पास ही तो है
भूल गए थे की किस्मत को बदलते देर नहीं लगती..!!
हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को,कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को।
जैसे कायनातए किस्मत की जालसाजी हो।
तुमसे दूर रहने कीहिम्मत नही मेरीहरदम तेरे पास रहूंऐसी किस्मत कहां है मेरी..!
उस दिन हेड भी अपना और टेल भी अपना !
गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनोडूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ
अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता हैबेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है!
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।
Kismat shayari on life
मेने वो ज़ख्म भी खाए है जो मेरी किस्मत में नहीं थे.
मिलना था इत्तेफ़ाक बिछड़ना नसीब थावो इतनी दूर हो गया जितने क़रीब था
जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा होजरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा होकुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती हैजरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो !
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हैसले से दंग रही।
जिंदगी और किस्मत से ज्यादा सवालकरना फिजूल है भला सवाल किसे पसंद होते है!
इतने कहाँ नसीब कि इससे प्यास बुझाएँ खेल करेंदरिया हम जैसों को अपने पास बिठा ले काफ़ी है
अक्सर किस्मत उनकी हीबहुत खराब होती है!
बेकार मत समझना, दुआ की भी पड़ती है जरूरत,कई बार सिर झुकाने से भी बदलती है किस्मत।
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदेमेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक औरमुस्कान लिख दे न मिले कभी दर्द उनकोतू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे !!
ज़बीन चूम के बोला गया "ख़ुदा हाफ़िज़"
जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना,वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं।
खरीद सकते तो उन्हें अपनी जिंदगी बेचकर खरीद लातेपर अफसोस कुछ लोग कीमत से नही किस्मत से मिलते है!!
मेरी चमकी हुई किस्मत का खज़ाना हो तुम।
अपने हाथों अपनी किस्मत बिगाड़ा हूँ,जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।
क़िस्मत तो देख टूटी है जा कर कहाँ कमंदकुछ दूर अपने हाथ से जब बाम रह गया
था लिखा बात के बनते ही जुदा हो जाना
अपनी क़िस्मत में सभी कुछ था मगर फूल ना थेतुम अगर फूल ना होते तो हमारे होते
बा'द मरने के मिरी क़ब्र पे आया 'ग़ाफ़िल'याद आई मिरे ईसा को दवा मेरे बा'द
Buri kismat shayari
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ।
अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,जब जान से प्यारे लोग बदल गए,तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।
नैरंगी-ए-सियासत-ए-दौराँ तो देखिएमंज़िल उन्हें मिली जो शरीक-ए-सफ़र न थे |
मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तोहिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती!
वापिस यहाँ से कोई भी हँस कर नहीं गया
खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं,भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं।
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां, ख़ुद को छुपाने के लिए।
के प्यार को पाना,ये किसी किस्मतवाले कि किस्मत में ही होता है।
अलमास धरे रह जाते हैं बिकता है तो पत्थर बिकता हैअजनास नहीं इस दुनिया में इंसाँ का मुक़द्दर बिकता है
क्यूं हथेली की लकीरों से हैं आगे उंगलियां रब ने भी किस्मत से आगे मेहनत रखी !!
जुस्तुजू करनी हर इक अम्र में नादानी हैजो कि पेशानी पे लिक्खी है वो पेश आनी है
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकलीकुछ पल ठहरी और फिर चल निकलीउन से क्या कहे वो तो सच्चे थेशायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!
बेरुखियाँ बेज़ारियाँ जो भी मिले बस अपनाते जाइये..
कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां, ख़ुद को छुपाने के लिए।
क़िस्मत में हमारी मुलाकात लिखी हैंअब चाहें जितने रास्ते क्यों ना बदल लो..
तुम मिले तो यूँ लगा हर दुआ कुबूल हो गयी,काँच सी टूटी किस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी।
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करवो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।
रब आपके लिए अच्छा करेगा !!
याद कर मेरी चाहत को पहरों रोया करोगेजब याद आऊँगा मैं दामन अपना भिगोया करोगे..
क़िसमत जब मिलाएगी तुझे मेरे हमनाम सेफिर अश्कों से तुम चेहरा अपना धोया करोगे..
Kharab kismat shayari
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!
लिखा क़िस्मत में जो उसने वही बस हक़ से पाया हैन पाया हक़ से गर होगा बला देगी यही दुनिया
क्यों ना हो, उसकी कुछ ख्वाहिशे,अधुरी रह ही जाती है !
हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमकासब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा
जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा।
क्योंकि किस्मत भी,किस्मत वालों को ही आजमाती है।
रास्ते मुश्किल है पर हम मंजिल जरूर पायेंगे,ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है,इसे भी जरूर हरायेंगे !
कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझामुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है
मुक़द्दर की जगह मैं साग़र-ओ-मीना उठा लाया
कोई भी इंसान अपने आप से !!लड़ के ही अपनी किस्मत बदल सकता है !!
कितना है बद-नसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिएदो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में |
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए।
अब किस्मत पर कैसा भरोसा करें,जब जान से प्यारे लोग बदल गएतो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी !
कल भी मन अकेला थाएआज भी अकेला हैजाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!
बिगड़ी हुई तक़दीर बनाई नहीं जाती
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने कोमैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !
True love kismat shayari
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
ये दिन भी देखना लिखा था मेरी क़िस्मत मेंजो थे हबीबए हुए हैं रक़ीब ए जां लोगों!
मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,मैं उसके फैसलें से तंग,और वो मेरे हैसले से दंग रही !
चंद लम्हों के लिए भी वो मेरा ना हुआ।
तक़दीर लिखने वाले एकएहसान करदेमेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक औरमुस्कान लिख देन मिले कभी दर्द उनकोतू चाहे तो उसकी किस्मत मैंमेरी जान लिख दे !!
जिस दिन अपनी किस्मत का सिक्का उछलेगा,उस दिन हेड भी अपना और टेल भी अपना !
उभर गए तो किस्मत, डूब गए तो चाहत होगी।
किस्मत तेरी दासी हैंयदि परिश्रम तेरा सच्चा हैंनियत भी साथ देगाऔर जीत भी तेरा पक्का हैं !!
किस्मत और मेहनत में बस इतना,सा फर्क है की किस्मत कभी कभी,साथ देगी और मेहनत हमेशा साथ देगी !
ऐ ज़िंदगी वगर्ना ज़माने में क्या न था |
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।
किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ !
कि ख़ुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तक़दीरें
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होताअगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!
कुछ तेरी फ़ितरत में नहीं थीवफ़ादारी कुछ मेरी किस्मत में बेवफ़ाई थीवक़्त को क्या दोश दूँ वक़्त नेतो बस मुहोब्बत आजमाई थी।
और ” किस्मत ” महलों में राज करती है !
नसीब की खोज गलत ही की इंसान ने !!जब से इसे ढूँढा है मंज़िल खोजना छोड़ दिया है इंसान ने !!
किसी को याद करना भी किसी को याद आना भीबहुत तकलीफ़ देता है किसी को भूल जाना भी
तू जहाँ होता है क़िस्मत भी गड़ी लगती है
रोज वो ख्वाब में आते है गले मिलने को,मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी !
हमारे किस्मत में लिखा था रोना !!ना जाने तुम कहाँ से हँसाने वाले मिल गए !!
लेकिन जब साथ देती हैतब जिंदगी बदल देती है!
किस्मत को बेकार बोलने वालोंकभी किसी गरीब के पासबैठकर पूछना जिंदगी क्या है
जिसके लफ्जों में हमे अपना अक़्स मिलता है,क़िस्मत से ऐसा कोई शख्स मिलता है !
मुझ से अच्छी रही क़िस्मत मेरे अफ़्सानों की !!
हासिल कुछ नहीं होता इन हाथ की लकीरों से !!रोटी भी तोड़नी हों तो ये लकीरें नहीं उंगलियां काम आती है !!
Kismat shayari 2 lines in hindi
पर जो तुझे चाहिए वो कभी बैठे-बैठे नहीं मिलेगा !!
किसी कशमकश में रहा होगा खुदा भीजो उसने मुझे तो तेरी किस्मत में लिखा परतुझे मेरी किस्मत में नहीं लिखा।
दुनिया में कुछ भी खुद नहीं बदलता किस्मत भी नहीं !!उसे खुद बदलना पड़ता है !!
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में
सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता,इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे !
जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैंअक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है!
उसने हमेशा खुद पर भरोसा किया है क़िस्मत पर नहीं !!
ये किस्मत की लकीरें नहीं ज़ंजीरें हैं !!ना जाने कितने लोगों को इसने मेहनत करने से रोक रखा है !!
मेरा कसूर नहीं ये मेरी किस्मत का कसूर है,जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँवो ही दूर हो जाता है !!
वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं !
जगह-जगह हाथ दिखाने से कुछ नहीं होगा !!कुछ करना चाहते हो ज़िन्दगी में तो मेहनत कर के दिखाओ !!
नसीब अच्छे ना हो तो खूबसूरती का कोई फायदा नहीं,दिलों के शहंशाह अक्सर फकीर होते हैं!
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता !
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे,कोई बुराई थी सब नसीब का,खेल है बस किस्मत मे जुदाई थी !
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने कोमैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी
अब हमने उम्मीदों को हौसले में बदल लिया है !
Thank You